एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी रूकती कभी चलती ,कभी उड़ती कभी गिरती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी खुद को देखकर हँसती,कभी खुद को देखकर रोती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी मुझसे लड़ती,कभी खुद ही प्यार करती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी साथ साथ चलती ,कभी दूर से है निकलती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी फूलो सी है खिलती,कभी काँटों सी है चुभती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी सजती कभी सवरती,कभी बिखरती कभी उलछती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
कभी हँसाती कभी रूलाती,अगर वो नन्ही सी जिंदगी मेरी जिंदगी में आती।
एक नन्ही सी जिंदगी कभी गिरती कभी संभलती
By Sachin Chaudhary
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