संस्कार खरीदे नही जाते

12:03 PM

sachkagyanगाँव के कुएँ पर 3 महिलाएँ पानी भर रही थीं।
तभी एक महिला का बेटा वहाँ से गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो, मेरा बेटा,
                             इंग्लिश मीडियम में है। "
थोड़ी देर बाद दूसरी महिला का पुत्र गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो मेरा बेटा,
                             सीबीएसई में है। "
तभी तीसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा,
दुसरे बेटों की तरह ही उसने भी अपनी माँ को देखा
और माँ के पास आया।
पानी से भरी गघरी उठाकर उसने अपने कंधे पर रखी,
दुसरे हाँथ में भरी हुई बाल्टी सम्हाली और
माँ से बोला---" चल माँ, घर चल। "
उसकी माँ बोली---" ये हिंदी स्कूल में पढता है। "
उस माँ के चेहरे का आनंद देख बाकी दूसरी
दो महिलाओं की नजरें झुक गईं।
उपरोक्त कथा का तात्पर्य सिर्फ यही है कि,
लाखों रुपए खर्च करके भी संस्कार नहीं खरीदे
जा सकते...!!
अच्छा लगे तो, जरूर शेयर करें।

यदि आपके पास हिंदी मे कोई  ARTICAL, INSPIRATIONAL STORY या कोई जानकारी है जो आप हमारे साथ SHARE करना चाहते है तो क्रप्या उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करे. हमारी I.D. है PRAVESHSINGHAL2011@GMAIL.COM पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहा PUBLISH  करेगे. 
THANKS

You Might Also Like

0 comments

Like us on Facebook