एक पेड़ खड़ा था सीना ताने,
हम सबको सूरज से बचाने,
धूप में खुद को जला के छाव देता हमें अपने आँचल में छिपा के,
बारिश में खुद को भीगा के हमको सुखा देता अपने नीचे बिठा के,
एक पेड़ खड़ा था सीना ताने,
हम सबको आसमा से छिपाने,
लड़ता आँधियों से वो खुद को सता के,
फिर भी खुश रहता वो हमको बचा के,
टूट जाती साख कोई फिर भी दिखाता हमे मुस्कुरा के,
एक पेड़ खड़ा था सीना ताने,
हम सब को बुराइयों से बचाने,
लकड़ी देता खुद को वो सुखा के,
हम जला देते जिसे कचरा बता के,
फल देता खुदको वो झुका के ,
फिर भी हम पत्थर बरसाते उसे अपना बता के,
एक पेड़ खड़ा था सीना ताने,
एक पेड़ खड़ा था सीना ताने।।।।
Written by
Sachin Chaudhary
यदि आपके पास हिंदी मे कोई ARTICAL, INSPIRATIONAL STORY या कोई जानकारी है जो आप हमारे साथ SHARE करना चाहते है तो क्रप्या उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करे. हमारी I.D. है PRAVESHSINGHAL2011@GMAIL.COM पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहा PUBLISH करेगे.
Hamari Website:- www.sachkagyan.me
THANKS
Hamari Website:- www.sachkagyan.me
THANKS