आंशु अकसर बने एक दिन,
गढी गयी पिरा की आशा |
अपना अगर कह दिया किसी ने,
और बढी जीने की आशा |
बनी गंध फुलो की वाणी,
मधुर हो गयी प्रेम कहानी |
तब से मन दर्पन मे आकर,
ठहर गया प्रतिबिम्ब तुम्हारा |
By Sonika Patel
She Likes Writing,
cooking and hearing songs.
यदि आपके पास हिंदी मे कोई ARTICAL, INSPIRATIONAL STORY या कोई जानकारी है जो आप हमारे साथ SHARE करना चाहते है तो क्रप्या उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करे. हमारी I.D. है PRAVESHSINGHAL2011@GMAIL.COM पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहा PUBLISH करेगे.
THANKS